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ब्रज का उत्थान

आध्यात्मिक राजधानी और दीर्घकालिक निवेश का केंद्र
भारत: जनसंख्या और धार्मिक पर्यटन की तस्वीर

भारत आज दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। 2024 तक भारत ने आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया, और अनुमानित जनसंख्या 142.5 करोड़ (1.425 अरब) के साथ विश्व में प्रथम स्थान पर पहुँच गया । संयुक्त राष्ट्र के नवीन अनुमानों के अनुसार यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, जो दशकों बाद पहली बार हुआ । 2025 में भी यह प्रवृत्ति जारी रही, जब भारत की जनसंख्या लगभग 146.3 करोड़ तक पहुँची , जो विश्व जनसंख्या का क़रीब 17.8% हिस्सा है। इतनी विशाल आबादी के साथ भारत के धार्मिक पर्यटन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है।

भारत में तीर्थयात्रा और आध्यात्मिक पर्यटन तेज़ी से विस्तार पा रहा है। देश का धार्मिक पर्यटन बाज़ार 2024 वित्तीय वर्ष में अनुमानित 202.85 अरब डॉलर का था, जो 2032 तक बढ़कर 441.19 अरब डॉलर होने का अनुमान है (लगभग 10.2% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ) । हालिया रिपोर्टों के अनुसार FY 2024-25 में तीर्थ यात्रा से जुड़े आवास आरक्षणों में 19% की उछाल आई है । MakeMyTrip की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरे देश में 34 धार्मिक स्थलों पर दो अंकों में वृद्धि दर्ज हुई और 15 स्थानों पर तो 25% से अधिक वृद्धि हुई – यह दर्शाता है कि आध्यात्मिक यात्राएँ अब पर्यटन मांग का मज़बूत चालक बन चुकी हैं । पहले जहाँ तीर्थयात्रा को प्रायः बुजुर्गों या गांव-कस्बों तक सीमित माना जाता था, अब स्थिति बदल गई है। आजकल युवा पीढ़ी और शहरी मध्यमवर्ग भी बड़ी संख्या में मंदिर यात्राओं पर निकल रहे हैं । कॉलेज छात्र, पेशेवर व संपन्न यात्री केदारनाथ से लेकर महाबलीपुरम तक मंदिर-केन्द्रित यात्राएँ योजना बना रहे हैं, जिससे धार्मिक पर्यटन मुख्यधारा में आ गया है । बेहतर कनेक्टिविटी, सरकार की पहल और सोशल मीडिया पर आध्यात्मिक स्थलों की बढ़ती लोकप्रियता इस रुझान को और बल दे रही है।
भारत में प्रमुख तीर्थ स्थल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए:

  • अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – भगवान राम की जन्मभूमि, जहाँ नव-निर्मित राम मंदिर के उद्घाटन (जनवरी 2024) के बाद तीर्थयात्रियों की संख्या आसमान छू रही है। हाल ही में अयोध्या सालाना 5 करोड़ (50 मिलियन) श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है, जिससे यह दुनिया के सर्वाधिक दर्शनीय धार्मिक स्थलों में गिना जाने लगा है ।
  • वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले काशी में प्रतिवर्ष 2 करोड़ से अधिक भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करते हैं तथा पवित्र गंगा आरती में भाग लेते हैं । यह प्राचीन नगर हिंदू धर्म का एक प्रमुख केंद्र है।
  • तिरुपति (आंध्र प्रदेश) – विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर वाला यह स्थल हर साल अनुमानित 3 से 4 करोड़ भक्तों को अपनी ओर खींचता है ।
  • वैष्णो देवी (जम्मू-कश्मीर) – त्रिकूट पर्वत पर स्थित इस शक्तिपीठ तक लगभग 95 लाख (9.5 मिलियन) तीर्थयात्री हर साल कठिन चढ़ाई करके माता के दर्शन करने पहुँचते हैं , जिनकी संख्या आधुनिक सुविधाओं (रोपवे, हेलीकॉप्टर सेवा) से और बढ़ रही है।
  • हरिद्वार एवं ऋषिकेश (उत्तराखंड) – गंगा नदी के तट पर बसे ये नगर वर्षों से आध्यात्मिकता और योग के केंद्र रहे हैं। हरिद्वार कुंभ मेले जैसे महापर्वों का आयोजक है, तो ऋषिकेश विश्व योग दिवस से लेकर अंतरराष्ट्रीय योग केंद्रों तक के लिए प्रसिद्ध है। लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान और साधना के लिए यहाँ आते हैं।
  • जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा)मथुरा-वरिंदावन (उत्तर प्रदेश)प्रयागराज इत्यादि भी प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आवभगत करते हैं।

इनमें ब्रज क्षेत्र (व्रज) का स्थान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। ब्रज वह पवित्र भूमि है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने बाललीलाएँ कीं। इस क्षेत्र में वृंदावनमथुरागोवर्धन पर्वतराधा-कुण्डबरसानानंदगाँव आदि स्थान आते हैं, जिनका हिंदू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व है। मथुरा-वृंदावन क्षेत्र अपने आप में तीर्थों का संघ है: वृंदावन कृष्ण-भक्ति का केंद्र है तो गोवर्धन वह पहाड़ी जिसे कृष्ण ने अपनी अंगुली पर धारण कर इंद्र के गर्व को चूर किया था, राधा-कुण्ड श्री राधारानी का परम पवित्र सरोवर है, बरसाना राधारानी की जन्मस्थली है, तथा नंदगांव श्रीकृष्ण के पालन-पोषण का ग्राम। इन स्थलों के कारण ब्रज को कृष्ण की लीला भूमि कहा जाता है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के आँकड़े दर्शाते हैं कि तीर्थयात्रियों की दृष्टि से मथुरा-वृंदावन प्रदेश में दूसरे स्थान पर है – 2022-23 में इस क्षेत्र में लगभग 6.5 करोड़ देसी पर्यटकों ने दर्शन किए, जो राज्य में वाराणसी के बाद दूसरा स्थान है । विशेष अवसरों पर वृंदावन में भारी भीड़ उमड़ती है – जन्माष्टमी, होली और कार्तिक पूर्णिमा के त्योहारों पर तो एक-एक दिन में 5 लाख से अधिक दर्शनार्थी वृंदावन की गलियों में एकत्र हो जाते हैं । इन पर्वों पर देश-विदेश से आए भक्तों के रेला लग जाता है।

इस प्रकार, जनसंख्या में शीर्ष पर होने के साथ-साथ भारत एक विशाल आध्यात्मिक पर्यटक आबादी को संभाल रहा है। करोड़ों लोगों की आस्था से प्रेरित तीर्थयात्राएँ न केवल सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में आध्यात्मिक पर्यटन भारत के यात्रा उद्योग का एक मुख्य आधार बना रहेगा , क्योंकि बुनियादी ढांचे के विकास और प्रौद्योगिकी की मदद से तीर्थ यात्राएँ और सुगम और आकर्षक बनेंगी।
आने वाले वर्षों में ब्रज क्षेत्र का विकास

परम्परागत रूप से पावन और ऐतिहासिक होने के साथ-साथ ब्रज क्षेत्र एक तेज़ी से उभरता हुआ विकास क्षेत्र भी है। वर्तमान सरकारें ब्रज को आधुनिक सुविधाओं से युक्त आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल कर रही हैं। 16 अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ₹30,000 करोड़ से अधिक के निवेश की घोषणा की । यह विशाल परियोजना ब्रज तीर्थ विकास परिषद के नेतृत्व में ब्रज विकास योजना-2041 के अंतर्गत चलाई जा रही है। इसके तहत सड़कों, राजमार्गों, पुलों, पेयजल, सीवरेज, पार्कों और यात्री सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा, साथ ही क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर बल दिया जाएगा। वृंदावन में विशेष परियोजनाएँ चल रही हैं, जैसे बांके बिहारी कॉरिडोर (प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के आस-पास का पुनर्विकास), आध्यात्मिक कॉरिडोर जो प्रयागराज तक विस्तृत होगा, तथा यमुना जल मार्ग (यमुना नदी नौका-मार्ग) । उद्देश्य है कि पवित्रता व विरासत को सुरक्षित रखते हुए आधुनिक ढांचा खड़ा किया जाए, ताकि ब्रज अपनी आध्यात्मिक महिमा के साथ एक विश्वस्तरीय गंतव्य बन सके ।

इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का प्रभाव ज़मीन पर दिखने लगा है। हाल के वर्षों में वृंदावन तथा आसपास के इलाकों में अनेकों नए होटल, अतिथि-गृह, धर्मशालाएँ और आश्रम बने हैं या निर्माणाधीन हैं। तीर्थ-पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आवास क्षमता में आक्रामक विस्तार हो रहा है । विश्लेषकों के अनुसार लोग अब तीर्थ पर केवल एक दिन के बजाय अक्सर 2-3 दिन रुकने लगे हैं, और उच्च श्रेणी (प्रति रात ₹7,000 से ऊपर) के कमरों की बुकिंग में 20% से अधिक वृद्धि देखी गई है । प्रसिद्ध होटल श्रृंखलाओं ने वृंदावन में अपने प्रीमियम होटल खोले हैं – जैसे ताज समूह और ITC ने पाँच सितारा सुविधाओं वाले होटल प्रारंभ किए हैं । लक्ज़री विला और गेस्टहाउस भी लोकप्रिय हो रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक माहौल में आधुनिक आराम प्रदान करते हैं । पर्व-सत्रों (त्यौहारों) में इन होटलों की अधिभोग क्षमता 95% तक पहुँच जाती है , जिससे पता चलता है कि ब्रज में प्रीमियम हॉस्पिटैलिटी की माँग तेज़ी से बढ़ रही है।

तीव्र आध्यात्मिक पर्यटन ने भूमि और रियल एस्टेट बाज़ार को भी गति दी है। वृंदावन में 2020 से 2025 के बीच प्रमुख स्थानों पर जमीन के दामों में 3 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है । विशेषकर प्रेम मंदिर के पीछे तथा राधाकुंड रोड जैसे इलाकों में यह उछाल स्पष्ट दिखता है । कई बड़े डेवलपर्स और निवेशक अब इस क्षेत्र को गंभीरता से ले रहे हैं। एक स्वतंत्र रियल एस्टेट शोध कंपनी लायसेज़ फ़ोरस (Liases Foras) की ताज़ा रिपोर्ट “Vrindavan – A Global Epicenter of Devotion and Development” के मुताबिक वृंदावन तेज़ी से एक उच्च-सम्भावना वाला रियल एस्टेट हब बनकर उभर रहा है । चुनिंदा सूक्ष्म-बाज़ार (micro-markets) में अगले दशक भर तक सालाना 30% तक की चक्रवृद्धि वृद्धि (CAGR) संभव बताई गई है । उल्लेखनीय है कि जब आस्था और विकास साथ चलते हैं, तो भक्त निवेशक (faithful investors) के लिए यह दोहरा लाभ बन जाता है। वृंदावन के विला आदि संपत्तियाँ न सिर्फ़ 15-17% वार्षिक किराया रिटर्न दे रही हैं, बल्कि संपत्ति मूल्य में अगले दस साल में 1.5 गुना वृद्धि की संभावना है। किराया आय जोड़कर कुल निवेश पर 177% तक रिटर्न संभावित है, जिससे वृंदावन आध्यात्मिक और आर्थिक – दोनों तरह की समृद्धि का केंद्र बन रहा है ।

भविष्य की ओर देखते हुए, आने वाले 15-20 साल ब्रज क्षेत्र के लिए और भी परिवर्तनकारी हो सकते हैं। यह क्षेत्र केवल तीर्थस्थल नहीं रहेगा, बल्कि भारत की “आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में उभर सकता है। जिस तरह अयोध्या और वाराणसी में बड़े स्तर पर पुनर्विकास और विश्व-स्तरीय परियोजनाएँ चल रही हैं, वृंदावन सहित पूरा ब्रज क्षेत्र भी उसी राह पर है । परिवहन के नए साधन जैसे नज़दीकी जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (जो दिल्ली-एनसीआर से सटे यमुना एक्सप्रेसवे पर बन रहा है) ब्रज की कनेक्टिविटी बढ़ा देंगे। आने वाले समय में तीर्थयात्रियों की सालाना संख्या कई गुणा बढ़ने की संभावना है – एक अनुमान के अनुसार अगले दशक में वृंदावन आने वाले पर्यटकों की संख्या वर्तमान के मुकाबले 4.5 गुना बढ़कर हर साल लगभग 11 करोड़ तक पहुँच सकती है । जब करोड़ों श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए सुविधाएँ और अवसंरचना मौजूद होंगी, तो ब्रज निस्संदेह वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थायी स्थल बन जाएगा।
ब्रज की आध्यात्मिक महिमा और विरासत

ब्रज क्षेत्र की महानता केवल भौतिक विकास या पर्यटन आँकड़ों तक सीमित नहीं है – इसका प्रमुख आधार आध्यात्मिक महत्त्व है। शास्त्रों, संतों और आचार्यों ने सहस्रों वर्षों से ब्रज की महिमा गाई है। ऐसा माना जाता है कि ब्रजभूमि का कण-कण पावन है, क्योंकि यहाँ श्रीकृष्ण एवं राधारानी ने अपनी लीलाएँ कीं। वृंदावन धाम के विषय में कहा गया है कि इसे भौतिक आँखों से पूर्णतः नहीं देखा जा सकता – केवल कृपा से ही इसकी वास्तविक अनुभूति होती है । भक्तजन मानते हैं कि वृंदावन की रज (धूल) भी चैतन्य है और भक्तों को प्रेम प्रदान करने में सक्षम है।

गौड़ीय वैष्णव परम्परा के प्रख्यात आचार्य श्रील रूप गोस्वामी ने अपनी रचना “उपदेशामृत” (Nectar of Instruction) में ब्रजभूमि के विभिन्न स्थानों की महत्ता को क्रमबद्ध रूप से वर्णित किया है। वे शास्त्रों के वचनों का सार देते हुए कहते हैं:

“वैकुण्ठ से उत्पन्न लोकों में श्री मदुपुरी (मथुरा) श्रेष्ठ है क्योंकि वहाँ भगवान ने अवतार लिया; मथुरा से भी श्रेष्ठ वृन्दावन का वनों का प्रदेश है क्योंकि वहाँ श्रीकृष्ण ने रासलीला आदि विहार किए; वृन्दारण्य (वृन्दावन) से उत्कृष्ट गोवर्धन पर्वत है, जिसे श्रीकृष्ण ने अपनी भुजा पर धारण किया और जहाँ उन्होंने अनेकों प्रेमपूर्ण लीलाएँ कीं; और इन सबसे ऊपर गोवर्धन की पाद-छाया में स्थित श्री राधा-कुण्ड सर्वोपरी स्थान है, क्योंकि वहाँ गोपेश्वर श्रीकृष्ण के प्रेमामृत की प्रचुर प्रबल धारा बहती है। ऐसा दिव्य राधा-कुण्ड जिसकी शोभा गोवर्धन के तट पर विराजमान है, उसकी सेवा करने से कौन विवेकी मनुष्य चूक सकता है?”

रूप गोस्वामी के इस वर्णन से स्पष्ट है कि ब्रजभूमि का प्रत्येक प्रमुख स्थल – मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन और अंततः राधाकुण्ड – आध्यात्मिक दृष्टि से अद्वितीय और परम आराधनीय है। श्रील रूप गोस्वामी आगे कहते हैं कि जो भी भक्त वास्तव में बुद्धिमान है, वह गोवर्धन के चरणों में बसे राधा-कुण्ड की सेवा का अवसर क्यों नहीं अपनाएगा । स्वयं श्री चैतन्य महाप्रभु ने राधा-कुण्ड की महिमा गाते हुए अपने शिष्यों को उसका उद्घाटन करने को कहा था। श्रीमद्भागवत और लघु भगवतामृत में वर्णित है: “यथा राधा प्रिया विष्णोस् तस्याः कुण्डं प्रियं तथा। सर्व-गोपीषु साैवैकाऽ विष्णोरत्यन्तवल्लभा॥”, अर्थात “जैसे श्रीराधा विष्णु (कृष्ण) को प्रिय हैं, वैसे ही राधा का कुण्ड भी उन्हें प्रिय है; और समस्त गोपियों में श्रीराधिका ही कृष्ण की अतिप्रिय हैं।” इस उद्धरण को चैतन्य-चरितामृत में स्वयं महाप्रभु के जीवन वृत्तांत में सम्मिलित किया गया है, जो दर्शाता है कि वैष्णव आचार्यों ने ब्रज के इन तीर्थों को भगवान के समकक्ष सम्मान दिया है।

ब्रज की महिमा का एक प्रमाण यह भी है कि श्री चैतन्य महाप्रभु (16वीं शताब्दी) ने जब वृंदावन की यात्रा की तो वे यहाँ के वन-ग्रामों की दुर्दशा देखकर व्यथित हुए और अपने प्रमुख शिष्यों को वृंदावन में रहकर इसके विस्मृत पवित्र स्थलों को पुनर्जागृत करने का आदेश दिया। महाप्रभु के निर्देशन पर उनके छह प्रमुख शिष्य – जिन्हें षड्गोस्वामी कहा जाता है – ने अपनी सांसारिक समृद्धि त्यागकर वृंदावन में साधनारत जीवन बिताया। श्री रूप गोस्वामीएवं श्री सनातन गोस्वामी जो पहले नवाब के दरबार में उच्च पदों पर थे, वे गिरी-कंदराओं में कुटिया बनाकर रहने लगे। भक्तिवेदांत पुराण के विवरण में आता है: “छः गोस्वामी उच्च कुल के समृद्ध विद्वान थे, किन्तु उन्होंने राजसभा के सुख त्यागकर दीन जनों पर कृपा करने हेतु कष्टसाध्य जीवन अपनाया। उन्होंने केवल कौपीन (लंगोट) और फटे कम्बल धारण किए और वृंदावन में रहकर महाप्रभु के आदेश अनुसार वृंदावन की खोई हुई लीलास्थलियों को खोजकर पुनर्स्थापित किया।” इन महान संतों ने अनेक कुण्डों, कुंजों और मंदिरों का उद्धार किया – जैसे राधा-कुण्ड और श्याम-कुण्ड (जो घोर जंगल में गुम हो गए थे) को खुदाई करवाकर पुनः प्रकट कराया, नंदगांव-बरसाना के भक्तिस्पर्श को जन-जन तक पहुँचाया, गोविंददेव, मदनमोहन, बैंक बिहारी आदि मंदिरों की स्थापना की। श्रीमद्भागवत के टीकाकार कहते हैं कि जिन गोस्वामियों ने वृंदावन में रहकर भक्ति के कार्य किए, उन्होंने व्रजधाम की महिमा को चहुंओर फैलाया ।

श्रील प्रभुपाद जैसे आधुनिक काल के आचार्यों ने भी वृंदावन की धार्मिक महत्ता पर ज़ोर दिया। प्रभुपाद ने अनेक प्रवचनों में यह बताया कि “वृंदावन धाम चैत्य और शक्तिमान है। यहाँ अनाप शनाप कृत्य करने वाले लोग भी यदि वृंदावन में किसी जनम किसी रूप (कुत्ता, बंदर आदि) में ले लें तो आगे चलकर उनकी मुक्ति संभव हो जाती है।” वे कहते हैं कि बाहरी दृष्टि से भले कुछ लोगों के आचरण से वृंदावन की पवित्रता पर प्रश्न उठें, किन्तु आध्यात्मिक दृष्टि से वृंदावन अब भी वह धरती है जहाँ रहकर आत्मा शुद्ध हो सकती है । अन्य ग्रंथों में आता है – “वृंदावन में प्राण त्यागना सौभाग्य की बात है।” कई संत तो जीवन के अन्तिम चरण में वृंदावन निवास को ही वरीयता देते हैं ताकि वहाँ की पवित्र ऊर्जा में अपने भौतिक जीवन का समापन करके भगवत्प्राप्ति कर सकें। ऐसे अनेकों दृष्टांत मिलते हैं जहां बड़े-बड़े घर-बार त्यागकर भक्त वृंदावन की गलियों में संकीर्तन करते जीवन यापन करते रहे। वृंदावन आज भी वैष्णवों के लिए उतना ही पावन और मोक्षदायी माना जाता है जितना प्राचीन काल में था।

संक्षेप में, ब्रज केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय का निवास है। यहाँ की मिट्टी, वृक्ष, नदी-तालाब सब श्रीकृष्ण-चरणों से पावन हैं। यही कारण है कि विश्वभर के कृष्ण भक्त ब्रज की ओर खिंचे चले आते हैं – कोई तीर्थयात्री बनकर, कोई साधक बनकर, तो कोई स्थायी निवासी बनकर। आधुनिक विकास के साथ-साथ ब्रज की यह आध्यात्मिक विरासत और भी विश्वव्यापी हो रही है।

ब्रज में रियल एस्टेट का उदय और brajs.com की भूमिका

आध्यात्मिक स्वरूप के साथ-साथ ब्रज क्षेत्र अब रियल एस्टेट के क्षेत्र में भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। यहां पिछले कुछ वर्षों में जमीन-जायदाद के लेनदेन बढ़े हैं, बाहरी निवेशक तथा स्थानीय लोग दोनों ही भूमि और घरों में दिलचस्पी ले रहे हैं। इस बदलते परिदृश्य में, वृंदावन और उसके आसपास brajs.com जैसी संपत्ति एजेंसियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

Brajs.com: ब्रज की अग्रणी रियल एस्टेट एजेंसी


brajs.com (ब्रज्स डॉट कॉम) स्वयं को ब्रज क्षेत्र की नंबर 1 रियल एस्टेट एजेंसी के रूप में स्थापित कर रही है। यह एजेंसी मुख्यतः वृंदावन, गोवर्धन, राधाकुंड, बरसाना, नंदगाँव समेत सम्पूर्ण ब्रज क्षेत्र में संपत्ति से जुड़े सौदों में विशेषज्ञता रखती है। इन तीर्थस्थलों और आसपास के विकासशील क्षेत्रों में भरोसेमंद संपत्ति सलाहकार के रूप में brajs.com ने साख बनाई है।

Brajs.com कौन-कौन सी संपत्तियों के सौदे कराती है? इसके पोर्टफोलियो में सभी प्रकार के रियल एस्टेट आते हैं:

  • भूखंड/प्लॉट – कृषि भूमि से लेकर आवासीय प्लॉट, तीर्थ क्षेत्रों के पास छोटे प्लॉट से बड़े ट्रैक्ट तक।
  • मकान एवं विला – तैयार स्वतंत्र मकान, कोठियाँ या विलाज़ जिनमें परिवार तुरंत रह सकते हैं।
  • अपार्टमेंट एवं फ्लैट – वृंदावन व आसपास उभरती बहुमंजिला सोसाइटियों या आश्रम परिसरों में फ्लैट/स्टूडियो अपार्टमेंट।
  • नव-निर्माण परियोजनाएँ – नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (जैसे गेटेड सोसाइटी, भक्त निवास योजनाएं, टाउनशिप आदि) जिनमें निवेश या बुकिंग के अवसर।
  • व्यावसायिक संपत्तियाँ – दुकाने, आश्रमों के समीप कमर्शियल स्पेस, गेस्टहाउस, होटल या आश्रम हेतु भूमि, जिनका व्यावसायिक/सेवा उपयोग हो सकता है।

इस तरह, Brajs.com रेज़िडेंशियल से लेकर कमर्शियल तक, हर प्रकार की प्रॉपर्टी डील कराने में सक्षम है। इसका ग्राहक आधार भी विविध है – बिक्रीकर्ता (सेलर्स) जो अपनी जमीन या भवन बेचना चाहते हैं, खरीदार (बायर्स) जो ब्रज में संपत्ति खरीदने को इच्छुक हैं (इनमें देशी भक्तों से लेकर NRI तक शामिल हैं), प्रॉपर्टी एजेंट्स/ब्रोकर जो लोकल स्तर पर जुड़े हैं, और डेवलपर्स जो नई परियोजनाएँ ला रहे हैं। Brajs.com इन सभी पक्षों के बीच पुल का कार्य करती है, जिससे सौदे सुचारु और पारदर्शी हों।

स्थानीय लोगों में ब्रज्स डॉट कॉम ने अपनी पहचान एक विश्वसनीय सलाहकार के रूप में बनायी है। वृंदावन जैसे इलाके में, जहां बाहरी श्रद्धालु अक्सर जमीन खरीदने से हिचकते थे, वहाँ Brajs.com जैसी एजेंसी ने भरोसा कायम किया है कि उचित दाम पर सही काग़ज़ात वाली जमीन/मकान दिलाएगी। यही कारण है कि आज बहुत से श्रद्धालु परिवार, संन्यासियों के आश्रम, यहां तक कि इस्कॉन से जुड़े भक्त भी Brajs.com की सेवाएँ ले रहे हैं।
व्यापार मॉडल और संरचना

brajs.com का बिज़नेस मॉडल पारदर्शिता और संतुलित शुल्क पर आधारित है। इसका कमीशन ढाँचा सामान्य बाज़ार प्रथा से अलग रखते हुए ग्राहकों के हित में बनाया गया है:

  • खरीदार से 5% कमीशन: जब कोई ग्राहक brajs.com की सहायता से संपत्ति खरीदता है, तो अंतिम बिक्री मूल्य का 5% बतौर सेवा शुल्क (ब्रोक्रेज) एजेंसी द्वारा लिया जाता है।
  • विक्रेता से 0% शुल्क: विपरीत रूप से, यदि कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी brajs.com के माध्यम से बेचता है तो उससे कोई कमीशन या शुल्क नहीं लिया जाता। विक्रेता के लिए सेवा निःशुल्क है।


यह मॉडल खरीदारों पर नाममात्र का शुल्क रखता है, जबकि विक्रेता निश्चिंत होकर अपनी संपत्ति लिस्ट करा सकते हैं। इस नीति का लाभ यह है कि अधिक से अधिक प्रॉपर्टी विक्रेता brajs.com के साथ जुड़कर अपनी संपत्ति की लिस्टिंग कराते हैं क्योंकि उन्हें जेब से कुछ नहीं देना। दूसरी तरफ, खरीदारों को भी उचित दर पर प्रोफेशनल सेवा मिल जाती है और भरोसा रहता है कि संपत्ति वैध और परखी हुई है।

लेकिन ब्रोकर/एजेंट की ज़रूरत आख़िर क्यों है? ब्रज क्षेत्र या भारत में सम्पत्ति के लेनदेन सहज नहीं हैं। कई जोखिम और जटिलताएँ जुड़ी हैं:

  • कानूनी जोखिम: भारत में ज़मीन-जायदाद के कागज़ात जटिल होते हैं। ख़रीदने वाले को यह भरोसा होना चाहिए कि बेचने वाला असली मालिक है, जमीन पर कोई विवाद या बंधक (मोर्गेज) तो नहीं है, ज़मीन का ज़ोनिंग (उपयोग श्रेणी) क्या है, आदि। आम ग्राहक इन पहलुओं की जाँच स्वयं नहीं कर सकता।
  • धोखाधड़ी की संभावना: भूमि घोटाले भारत में एक वास्तविक समस्या हैं। कई बार जालसाज़ फ़र्ज़ी मालिक बनकर या नकली दस्तावेज़ों के आधार पर भोले खरीदारों को ठगने की कोशिश करते हैं। खासकर जो लोग बाहरी हैं या NRI हैं, वे लोकल प्रक्रिया से परिचित न होने के कारण निशाना बन सकते हैं। भारतीय रियल एस्टेट बाजार में शीर्षक जालसाजी (title fraud)नकली कागज़ात (forgery)ग़ैर-अनुमोदित प्रोजेक्ट की बिक्री जैसे छल प्रचलित रहे हैं । एक अनुभवी ब्रोकर इन ख़तरों को शुरुआत में ही पहचानकर सौदा सुरक्षित करता है।
  • मानकीकरण का अभाव: पश्चिमी देशों की तरह भारत में अभी तक कोई केंद्रीकृत MLS (मल्टीपल लिस्टिंग सिस्टम) या सुसंगत मानक नहीं है जहां हर प्रॉपर्टी का सही डेटा मिल जाए। अक्सर जानकारी बिखरी होती है – भिन्न-अलग दलालों, अख़बारों, वेबसाइटों पर टुकड़ों में। ऐसे में तुलना करके उचित दाम लगाना या सभी विकल्प देख पाना कठिन है। Brajs.com जैसे प्लेटफ़ॉर्म इस कमी को पूरा करते हैं, एक ही जगह सत्यापित लिस्टिंग उपलब्ध कराके।
  • समय और संपर्कों की आवश्यकता: स्थानीय प्रॉपर्टी बाज़ार में सही डील ढूँढने के लिए वक़्त, श्रम और लोकल संपर्क चाहिए। बाहरी व्यक्ति के लिए यह सब जुटाना मुश्किल है। एक ब्रोकरेज फर्म अपने नेटवर्क और ज्ञान के जरिए यह काम तेज़ी से कर सकती है।


इन वजहों से, एक कुशल ब्रोकर सौदे को सहज, निष्कलंक और संतोषजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Brajs.com इन मानकों को ध्यान में रखकर ही अपना संचालन करती है।

विशेष रूप से Brajs.com ने संपत्ति की जानकारी एकत्र करने के लिए कुछ मानक (स्टैण्डर्ड्स) तय किए हैं, जिससे हर लिस्टिंग में पूर्ण और प्रामाणिक विवरण रहे। जब कोई नया प्रॉपर्टी लिस्ट होती है, एजेंसी निम्न विवरण सुनिश्चित करती है:

  • सटीक स्थान (लोकल एड्रेस + Google पिन): ताकि ग्राहक भौगोलिक स्थिति स्पष्ट समझ सकें।
  • संपत्ति का प्रकार: कृषि भूमि, आवासीय प्लॉट, फ्लैट, विला, कमर्शियल शॉप आदि श्रेणी स्पष्ट लिखी जाती है।
  • भूमि एवं निर्माण क्षेत्रफल: कुल जमीन की (वर्गगज/बीघा में) और निर्माण/निर्मित क्षेत्र (वर्गफुट/वर्गमीटर में) को मापा व बताया जाता है।
  • मूल्य: विक्रेता द्वारा मांगी गई कीमत (और कभी-कभी संभावित नेगोशिएबल रेंज) बताई जाती है, ताकि पारदर्शिता रहे।
  • मालिक का नाम: वर्तमान स्वामी का नाम (या डेवलपर/बिल्डर का नाम) दर्ज किया जाता है।
  • दस्तावेज़ स्थिति: टाइटल डीड (गहनपात्र), रजिस्ट्री, खतौनी-खसरा, NAM (नॉन अग्रीकल्चर कन्वर्ज़न) आदि कानूनी काग़ज़ात की उपलब्धता और उनकी स्थिति (दुरुस्त है या प्रक्रियाधीन) नोट की जाती है।
  • चित्र सामग्री: हर संपत्ति के 5 से 15 स्पष्ट फ़ोटो (ज़मीन का परिसर, सड़क से दृश्य, घर के कमरों/बाहरी हिस्सों के) लिये जाते हैं।
  • संपर्क: प्रॉपर्टी ओनर या उसके प्रतिनिधि का फ़ोन नंबर/ईमेल ताकि सत्यापन या बातचीत सीधे संभव हो।

इन मानकों के चलते Brajs.com की प्रत्येक लिस्टिंग एक तरह से जानकारी का भरोसेमंद स्रोत बन गई है। ग्राहक दूर बैठे भी प्लॉट या मकान की स्थिति, लोकेशन, काग़ज़ात आदि का अंदाज़ा लगा सकते हैं। साथ ही एजेंसी के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से साइट का निरीक्षण करके और मालिक से मिलकर सत्यापन करते हैं, जिससे गलत जानकारी की संभावना न्यून हो जाती है।
क़ानूनी सहायता और सौदा प्रक्रिया

किसी भी संपत्ति के क्रय-विक्रय में कानूनी प्रक्रिया का ठीक से पालन अति महत्वपूर्ण है, विशेषकर ब्रज जैसे क्षेत्रों में जहां कई जमीनें कृषियोग्य से आवासीय में रूपांतरित हो रही हैं या जहाँ कई लोग एनआरआई/बाहरी हैं। Brajs.com ने खरीदारों और विक्रेताओं की सुविधा के लिए एक संपूर्ण कानूनी पैकेज विकसित किया है, जिसमें सौदे के प्रत्येक चरण में पेशेवर मदद मिलती है:

  1. शीर्षक (Title) की जाँच: सबसे पहले विक्रेतापक्ष के मूल स्वामित्व (टाइटल) की जाँच की जाती है। पुरानी रजिस्ट्री, पैत्रिक बंटवारा काग़ज़, वसीयत, आदि की समीक्षा अनुभवी वकीलों द्वारा की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि विक्रेता कानूनी मालिक है और उसके पास बेचने का अधिकार है।
  2. बंधन-मुक्ति (Encumbrance) प्रमाणपत्र: संबंधित तहसील या रजिस्ट्रार कार्यालय से यह प्रमाणपत्र निकलवाया जाता है कि जमीन/प्रॉपर्टी पर कोई बंधक, लोन, या अदालती विवाद दर्ज नहीं है। यदि कोई बंधक है (जैसे बैंक लोन), तो उसके निपटारे की शर्तें निश्चित की जाती हैं।
  3. भूमि उपयोग व अनुमति जाँच: यह देखा जाता है कि भूमि का दर्जा क्या है – कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक या इंडस्ट्रियल? यदि कृषि भूमि को आवासीय प्रयोजन हेतु खरीदा जा रहा है तो क्या NA (नॉन-एग्रीकल्चरल) कन्वर्ज़न हुआ है? क्या नगर योजना (Master Plan) में उस भूमि का जोनिंग住宅 उद्देश्य के अनुकूल है? इन पहलुओं की जाँच बहुत जरूरी है ताकि खरीदार बाद में परेशानी में न फँसे।
  4. Agreement to Sale (बिक्री अनुबंध): प्रारंभिक सहमति होने पर बिक्री का एक अनुबंध तैयार किया जाता है, जिसमें भुगतान की शर्तें, समयसीमा, अर्ली मनी/बयाना राशि, तथा सौदे की शर्तें लिखी जाती हैं। Brajs.com यह ड्राफ्ट वकीलों द्वारा बनवाती है ताकि दोनों पक्षों के हित संरक्षित रहें।
  5. Sale Deed पंजीकरण: अंतिम भुगतान और बाकी औपचारिकताओं के बाद विक्रेता-खरीदार एक बिक्री विलेख (सेल डीड) पर हस्ताक्षर करते हैं। Brajs.com की लीगल टीम संबंधित सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में इस दस्तावेज़ को रजिस्टर्ड कराने की पूरी प्रक्रिया में साथ देती है। स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस आदि की गणना एवं भुगतान में भी सहायता मिलती है।
  6. तहसील स्तर पर दाखिल ख़ारिज: रजिस्ट्री के बाद खरीदार के नाम राजस्व अभिलेखों (खतौनी) में परिवर्तन करवाना होता है (जिसे दाखिल-खारिज या म्यूटेशन कहते हैं)। Brajs.com के कर्मी तहसील/पटवारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर यह सुनिश्‍चित करते हैं कि नए मालिक के नाम राजस्व रिकॉर्ड में चढ़ जाए, जिससे भविष्य में स्वामित्व निर्विवाद रहे।
  7. NRI ग्राहकों हेतु विशेष सहयोग: यदि खरीदार या विक्रेता एनआरआई हैं, तो उनके मामले में FEMA नियमों और आरबीआई अनुमतिआदि का ध्यान रखा जाता है। Brajs.com ऐसे ग्राहकों को Power of Attorney बनवाने, पासपोर्ट/विज़ा दस्तावेज लगाने, अधिवक्ता नियुक्त करने जैसे कार्यों में भी मार्गदर्शन देती है। संपत्ति ख़रीदने-बेचने के बाद धनराशि की भारत से विदेश रेपट्रिएशन (repatriation) या अन्य प्रक्रियाओं के लिए भी विशेषज्ञ सलाह मुहैया कराई जाती है।


इस चरणबद्ध कानूनी सेवाओं के पैकेज से ग्राहकों को बहुत सुरक्षा और सुविधा मिलती है। भारत में जमीन-जायदाद का लेनदेन कागज़ी कार्यवाही के बिना पूर्ण नहीं होता और एक छोटी गलती भविष्य में बड़ी समस्या बन सकती है। Brajs.com यह सुनिश्चित करती है कि लेनदेन के अंत में खरीदार को साफ और पक्का टाइटल मिले तथा विक्रेता को पूरा भुगतान प्राप्त होकर सभी दायित्व पूरे हों। एक तरह से यह एजेंसी वन-स्टॉप सॉल्यूशन देने का प्रयास करती है जिसमें खोज, सौदेबाज़ी, और रजिस्ट्रेशन से लेकर पोस्ट-सेल म्यूटेशन तक सब सम्मिलित है।

डेवलपरों के साथ भागीदारी


ब्रज क्षेत्र में हाल के समय में कई रियल एस्टेट डेवलपर्स ने परियोजनाएँ शुरू की हैं – कुछ छोटे लोकल बिल्डर, तो कुछ बाहरी शहरों के डेवलपर जो यहां तीर्थनगरियों में आवासीय योजनाएँ लाना चाहते हैं। brajs.com ऐसे डेवलपर्स के साथ साझेदारी में भी काम कर रही है ताकि एक विन-विन स्थिति बने जहां डेवलपर को खरीदार मिलें और ग्राहकों को सही परियोजनाओं तक पहुंच।

डेवलपरों को brajs.com किन रूपों में सहायता प्रदान करता है:

  • मार्केटिंग एवं सेल्स: यदि कोई बिल्डर वृंदावन या गोवर्धन में प्लॉटिंग प्रोजेक्ट, अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स या आश्रम-टाउनशिप बना रहा है, तो Brajs.com उसकी परियोजना का विपणन (मार्केटिंग) हाथ में ले सकता है। प्रोफेशनल फोटोग्राफी, ब्रॉशर, ऑनलाइन लिस्टिंग, प्रमोशन इवेंट – यह सब एजेंसी संभालती है, जिससे परियोजना को अधिकतम दृश्यता मिले।
  • लीड्स एवं सेल नेटवर्क: brajs.com के पास पहले से ही प्रतिस्थापित खरीदारों का एक नेटवर्क/डेटाबेस है, जिनमें स्थानीय भक्तों से लेकर देश-विदेश के निवेशक शामिल हैं। किसी नए प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी अपने डेटाबेस से प्रासंगिक खरीदारों को प्रोएक्टिव अप्रोच करती है, जिससे उत्सुक खरीदारों (लीड्स) की कमी नहीं रहती। इसके अलावा इसका सेल्स टीम साइट-पर विजिट और बुकिंग फाइनल कराने में भी पारंगत है।
  • एक्सक्लूसिव बायर बेस: ब्रज्स डॉट कॉम लंबे समय से सक्रिय होने के कारण एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया है। बहुत से ग्राहक एजेंसी के पास अपनी आवश्यकता पहले से दर्ज कराते हैं। डेवलपर को इन तैयार ग्राहकों का फ़ायदा मिल सकता है, विशेषकर यदि वह brajs.com को एक्सक्लूसिव सेल्स पार्टनर बनाता है।
  • कानूनी एवं दस्तावेज़ी सहायता: प्रोजेक्ट लॉन्च करते समय डेवलपरों को कई अनुमतियों और दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है (जैसे RERA रजिस्ट्रेशन, लेआउट अप्रूवल, आदि)। Brajs.com की कानूनी टीम इन औपचारिकताओं में परामर्श देकर प्रोजेक्ट को खरीददारों के नज़र में विश्वसनीय बनाती है। खरीददारों के एग्रीमेंट-टू-सेल व आखिर में सेल डीड ड्राफ्ट करना भी एजेंसी देख लेती है, ताकि डेवलपर को अलग से लीगल विभाग न रखना पड़े।

अब प्रश्न उठता है कि आर्थिक मॉडल क्या रहता है जब brajs.com डेवलपर के साथ काम करे। आम तौर पर ऐसी भागीदारी में आय के कुछ ढर्रे हैं:

  • कमीशन आधारित: यदि एजेंसी खुली लिस्टिंग पर डेवलपर की यूनिट बेचती है, तो प्रति बिक्री 2-5% तक कमीशन डेवलपर द्वारा एजेंसी को दिया जाता है (प्रोजेक्ट व मूल्य के अनुसार प्रतिशत तय होता है)। ये बिक्री उस 2% कमीशन से अलग होती है जो ख़रीदार से एजेंसी लेती है। कुछ उच्च मूल्य वाली प्रॉपर्टीज़ पर डेवलपर कभी-कभी 5% तक भी देने को राजी होते हैं।
  • फ़िक्स्ड फ़ीस: कुछ स्थिति में brajs.com एक निश्चित शुल्क लेकर भी सेवा देती है, खासकर मार्केटिंग के लिए। मान लीजिए किसी बड़े प्रोजेक्ट का एक्सक्लूसिव प्रचार करना है तो एजेंसी एक तय रकम लेकर प्रचार अभियान चलाती है, भले बिक्री हों या न हों।
  • एक्सक्लूसिव टाई-अप फ़ीस: यदि कोई डेवलपर Brajs.com को अपनी पूरी परियोजना का एक्सक्लूसिव सेल्स पार्टनर बनाता है (अर्थात वही सभी यूनिट बेचेगी), तो एजेंसी एक upfront फीस या रेवेन्यू शेयर मॉडल पर भी काम कर सकती है। जैसे कुल सेल वैल्यू का X% एजेंसी को मिलेगा, जिसके बदले वह विपणन से लेकर बुकिंग तक सब संभालेगी।

डेवलपर्स एजेंसी को भुगतान करने के लिए तैयार क्यों होते हैं? क्योंकि ब्रज का मार्केट पारंपरिक मेट्रो शहरों की तरह संगठित नहीं, बल्कि अनूठा है। कई डेवलपर बाहरी होते हैं जिनका यहां के तीर्थ-समुदाय में कोई सीधा जुड़ाव नहीं। वे समझते हैं कि तेज़ी से बढ़ते इस बाजार में लोकल जानकार पार्टनर के बिना बिक्री कर पाना कठिन होगा। अक्सर छोटे-मंझोले बिल्डर अपना अलग से सेल्स विभाग, मार्केटिंग टीम बनाने की क्षमता नहीं रखते; ऐसे में Brajs.com जैसा स्थापित चैनल उन्हें लागत-प्रभावी समाधान देता है। साथ ही, ब्रज जैसे भावना-प्रधान बाजार में ग्राहकों का भरोसा जीतना जरूरी है – और एक लोकप्रिय स्थानीय एजेंसी होने के नाते brajs.com का नाम जुड़ने से परियोजना को प्रारंभिक विश्वसनीयता मिलती है।

कुल मिलाकर, brajs.com डेवलपर और अंतिम खरीदार के बीच मध्यस्थ बनकर सभी का लाभ सुनिश्चित करता है। एक ओर डेवलपर की इन्वेंटरी तेजी से बिकती है, दूसरी ओर ग्राहकों को स्थानीय जान-पहचान वाली एजेंसी के माध्यम से सौदा करने का आश्वासन मिलता है। यह मॉडल ब्रज क्षेत्र में रियल एस्टेट परियोजनाओं की सफलता में अहम कड़ी साबित हो रहा है।
brajs.com की रियल एस्टेट पारिस्थितिकी

एजेंसी केवल ब्रोकर के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) के रूप में सेवाएँ विकसित कर रही है। ग्राहकों की विविध ज़रूरतों को देखते हुए Brajs.com कई आयामों में अपना विस्तार कर रहा है:

  • ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म: brajs.com का एक उन्नत वेब पोर्टल है जहाँ ब्रज क्षेत्र की सैकड़ों संपत्तियों की लाइव लिस्टिंग उपलब्ध है। यह प्लेटफ़ॉर्म नित अपडेट होता है, यूज़र फ्रेंडली सर्च व फ़िल्टर विकल्प देता है, और हर लिस्टिंग के साथ नक्शा, तस्वीरें, विवरण आदि दिखाता है। दूरदराज़ बैठा खरीददार भी इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ब्रज की प्रॉपर्टीज़ ब्राउज़ कर सकता है।
  • मार्केटप्लेस: Brajs.com केवल अपनी इन्वेंटरी बेचने तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक मार्केटप्लेस की तरह काम करता है जहां बाहरी एजेण्ट, स्वतंत्र प्रॉपर्टी मालिक भी आकर लिस्टिंग दे सकते हैं (एजेंसी के सत्यापन के बाद)। इससे यह साइट ब्रज की रियल एस्टेट का केंद्रीकृत बाज़ार बन रही है। खरीदारों को विभिन्न स्रोतों से सम्पत्तियाँ एक जगह देखने को मिलती हैं, और विक्रेताओं को व्यापक खरीदारवर्ग तक पहुंच मिलती है।
  • कानूनी केंद्र: जैसा पहले वर्णित, Brajs.com ने कानूनी विशेषज्ञता इन-हाउस बना ली है। यह एक लीगल सेल/सेंटर की तरह काम करता है जो केवल दस्तावेज़ सत्यापन और ड्राफ्टिंग ही नहीं करता, बल्कि ग्राहकों को रियल एस्टेट लॉ से जुड़े परामर्श भी देता है। उदाहरणतः यदि कोई NRI मथुरा में प्रॉपर्टी खरीदना चाहता है, तो लीगल सेंटर उसे RBI अनुमति, फॉर्मality आदि पर गाइड करता है। यह कानूनी सुविधा brajs.com को प्रतिद्वंदियों से अलग बनाती है क्योंकि ग्राहक को वकील ढूँढने भटकना नहीं पड़ता।
  • SaaS एवं तकनीकी सेवाएँ: एजेंसी ने आंतरिक रूप से एक सॉफ़्टवेयर सिस्टम विकसित किया है (Software-as-a-Service रूप में) जो सम्पत्तियों का डेटाबेस, क्लाइंट मैनेजमेंट, लीड ट्रैकिंग, डॉक्यूमेंटेशन ट्रैकिंग आदि सरल बनाता है। संभवतः भविष्य में यह सिस्टम बाहरी एजेंटों या डेवलपरों को भी सदस्यता के आधार पर उपलब्ध कराया जा सकता है, जिससे वे ब्रज मार्केट की जानकारी रियल-टाइम पा सकेंगे। इस तकनीकी नवाचार से Brajs.com डेटा-संचालित निर्णय ले पा रहा है और तेज़ गति से लेनदेन पूरे करा रहा है।
  • NRI कंसियर्ज सेवाएँ: Braj में प्रॉपर्टी खरीदने वाले बहुत से एनआरआई ऐसे हैं जो ख़रीद के बाद स्वयं यहाँ रह नहीं पाते, पर अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखना चाहते हैं। brajs.com ने विशेषतः एनआरआई ग्राहकों के लिए कंसियर्ज (concierge) सेवा शुरू की है, जिसके अंतर्गत उनकी संपत्ति की देखरेख, किराये पर देना, सालाना मेंटेनेंस, सरकारी बकाया (खराज/हाउस टैक्स) भरना, आदि सुविधाएँ मुहैया की जाती हैं। साथ ही यदि कोई प्रवासी ग्राहक ख़रीद से पहले प्रॉपर्टी को वर्चुअल तौर पर देखना चाहता है तो एजेंसी वीडियो कॉल या 360-डिग्री वर्चुअल टूर की भी व्यवस्था करती है। इन अतिरिक्त सेवाओं से एनआरआई समुदाय में Brajs.com की लोकप्रियता बढ़ रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि ख़रीद के बाद भी उनकी संपत्ति की देखभाल होगी।

इस बहु-आयामी मॉडल के चलते brajs.com केवल एक एस्टेट एजेंसी न रहकर रियल एस्टेट इकोसिस्टम बन चुका है। ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन और प्री-सेल से पोस्ट-सेल तक – हर स्तर पर सेवा देकर यह ब्रज में रियल एस्टेट कारोबार के मानक ऊँचे कर रहा है।